Cyaniding क्या है? What is Cyaniding in hindi

C. साइनाइडीकरण (Cyaniding)

Cyaniding विधि में इस्पात की सतह को कार्बन तथा नाइट्रोजन दोनों के विसरण (diffusion) द्वारा संतृप्त (saturate) किया जाता है।

कार्बन तथा नाइट्रोजन साइनाइड मुख्य अवयव होते हैं।

इसलिये साइनाइडीकरण क्रिया में सतह कार्बन तथा नाइट्रोजन दोनों से एक ही समय में संतृप्त हो जाती है।

इस क्रिया के अन्तर्गत इस्पात को ठोस अथवा द्रव साइनायड-यौगिकों के साथ गरम किया जाता है।

प्रयुक्त साइनायड-यौगिक की किस्म के आधार पर यह क्रिया निम्न दो प्रकार की होती है-

1. पैक-साइनाइडीकरण (Pack cyaniding)-

इस क्रिया में इस्पात को 540°C से 560°C के बीच चारकोल (60% से 80%)

तथा पोटेशियम-फैरोसाइनाइड (20% से 40%) के powder mixture के साथ गरम किया जाता है तथा 1.5 से 3 घण्टे तक इसी तामपान पर रखा जाता है।

2. द्रव साइनाइडीकरण (Liquid cyaniding)-

इस क्रिया में इस्पात को निष्क्रिय (neutral) पिघले लवणों (Na, CO3, NaCl आदि) के साथ विभिन्न प्रकार के साइनायड-यौगिक [NaCN, Ca(CN), आदि] को घोलकर 800°C से 850°C तक गरम किया जाता है।

गरम करने का समय 5 मिनट से 90 मिनट तक रखा जाता है।

D. फ्लेम कठोरण (Flame Hardening)

E. प्रेरण कठोरण (Induction Hardening)

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