ANTHLOCK BRAKING SYSTEM
ABS का पूरा नाम Anti-lock Braking System (एंटी लॉक ब्रेकिंग सिस्टम) है.
ABS एक ऐसा सेफ्टी फीचर है जो कि अचानक ब्रेक लगाने पर वाहन को फिसलने से बचाने में मदद करता है।
साथ ही वाहन को कंट्रोल में रखता है, इसमें लगे स्पीड सेंसर की मदद से हाइड्रोलिक वाल्व से ऑयल के प्रवाह को कंट्रोल कर अचानक लगने वाले ब्रेक से वाहन के पहिये लॉक नहीं होते हैं।
और बिना वाहन के फिसले कम दूरी में वाहन रुक जाता.
ABS का महत्व-
कभी कभी व्हीकल में अचानक से बहुत तेज ब्रेक लगा देने पर व्हीकल फिसल (Skid) जाता है।
व्हीकल का फिसलना व्हीकल के पहिये के ब्रेक के साथ लॉक हो जाने के कारण होता है।
ये स्थिति साधारण ब्रेकिंग सिस्टम के साथ होता है जैसे मैकेनिकल, हाइड्रॉलिक, एयर और ड्रम ब्रेक।
Anti lock braking system न केवल Directional stability (एक ही स्थिर दिशा) प्रदान करता है
बल्कि व्हीकल को road पर unbalance होने से पहले ही रोक देता है जिससे वाहन के पहिये फिसलते नहीं हैं।
ABS में ब्रैकिंग शू को व्हील के साथ लॉक होने से ठीक पहले रिलीज कर और दुबारा ब्रैकिंग प्रेशर लगाकर वाहन को फिसलने से रोका जाता है।
एन्टी-लॉक ब्रैकिंग सिस्टम यही ब्रेक रिलीज करने और ब्रेक दोबारा लगाने का काम करती है और इस प्रक्रिया को प्रेशर मोड्यूलेशन कहते हैं।
यह सिस्टम एक सैकण्ड में लगभग 15 बार ब्रेक प्रेशर को मोड्यूलेट कर सकता है।
जब व्हीकल के फ्रन्ट व्हील लोक होते हैं तो उसकी गतिशीलता (Maneuverability) कम हो जाती है तथा जब व्हीकल के रियर व्हील लॉक होते हैं तो व्हीकल की स्थायित्व (Stability) कम हो जाता है।
ABS व्हीकल तथा व्हील की स्पीड के अनुसार व्हीकल के आवश्यक स्लिप रेट की कैलकुलेशन करता है।
और इस स्लिप रेट को प्राप्त करने के लिए ब्रेक में यूज़ होने वाले हाइड्रोलिक ऑयल के प्रेशर को नियन्त्रित करता है।
इस सिस्टम की खास बात ये है कि ये सिस्टम वाहन के पहियों को पूरी तरह से लॉक न करकर उतना ही लॉक करता है,
जितना कि ब्रेक लगाने के लिए व्हील को लॉक करके वाहन को रोकने के लिए आवश्यक हो।
इमेरजेंसी के समय में ABS के ब्रेक पैडल को जोर से दबाना चाहिये तथा तब तक दबाकर रखना चाहिए जब तक कि इस सिस्टम में पूर्ण रूप से मोड्यूलेशन प्रकिया स्टार्ट न हो जाए।
आज के समय मे यूज़ होने वाले मोर्डन एन्टी-लॉक ब्रेकिंग सिस्टम में इलैक्ट्रॉनिक कन्ट्रोल यूनिट तथा प्रत्येक व्हील के लिए एक सेन्सर, हाइड्रोलिक पम्प और एक प्रेशर एक्यूमुलेटर (Accumulator) लगा होता है।
एन्टी-लॉक ब्रेकिंग सिस्टम के घटक (COMPONENTS OF ANTI-LOCK BRAKING SYSTEM)
1. एक्युमुलेटर (Accumulator)
Accumulator हाइड्रोलिक आयल और नाइट्रोजन को स्टोर करता है तथा सिस्टम में उच्च प्रेशर बनाए रखता है।
यह पावर असिस्टेड ब्रेक को आवश्यकता के अनुसार प्रेशर प्रदान करता है।
इसमें दो कम्पार्टमेन्ट होते हैं एक मे नाइट्रोजन को उच्च प्रेशर बनाए रखा जाता है, और दूसरे में हाइड्रोलिक आयल भरा होता है।
इन दोनों कम्पार्टमेन्ट को एक डायाफ्राम के द्वारा अलग-अलग किया जाता है।
यह ब्रेकिंग सिस्टम में उच्च दाब बनाए रखता है तथा पावर असिस्टेड ब्रेकिंग हेतु अपशिष्ट दाब (Residual Pressure) प्रदान करता है।
Accumulator आवश्यकतानुसार ABS के कार्य (Functions) को नियन्त्रित तथा मॉनीटर करता है।
इसका कार्य हाइड्रोलिक यूनिट के फीडबैक तथा व्हील स्पीड के सेन्सर के इनपुट पर निर्भर करता है।
कुछ एन्टी-लॉक ब्रेकिंग सिस्टम से पार्श्विक त्वरण सेन्सर (Lateral Acceleration Sensor) भी होता है,
जो व्हील के मुड़ते समय पार्श्विक (Lateral) गति को मॉनीटर करता है। इससे मुड़ते समय उचित ब्रेकिंग सुनिश्चित हो जाती है।
2. हाइड्रोलिक कन्ट्रोल वाल्व (Hydraulic Control Valve)
यह वाल्व मोड्यूलेटेड प्रेशर प्रदान करता है। जब ब्रेक लगाया तथा हटाया जाता है तो यह वाल्व सिस्टम में प्रेशर उत्पन्न करता है।
यह वाल्व अलग भी हो सकता है तथा यह वाल्व मास्टर सिलेण्डर के साथ संयोजित भी हो सकता है।
3.बूस्टर पम्प (Booster Pump)
यह एन्टी-लॉक ब्रेकिंग सिस्टम को उच्च प्रेशर प्रदान करता है।
4. हाइड्रोलिक यूनिट (Hydraulic Unit)
मास्टर सिलेण्डर और बूस्टर की असेम्बली को Hydraulic Unit कहते हैं। यह वाल्व तथा पिस्टन की सहायता से हाइड्रोलिक प्रेशर को मोड्यूलेट करती है।
यह हाइड्रोलिक यूनिट पम्प की सहायता से ऑयल को पावर ब्रेक लगाने के लिए उच्च दाब प्रदान करती है।
5. तरल एक्युमुलेटर (Fluid Accumulator)
यह पहिये पर लगे सिलेण्डर से आने वाले ऑयल को अस्थायी तौर पर संग्रहित (storage) करता हैं।
यह तरल हाइड्रोलिक ब्रेक सिस्टम में प्रेशर उत्पन्न करता है।
प्राइमरी तथा सैकेण्डरी हाइड्रोलिक सर्किट में अलग-अलग एक्युमुलेटर लगे होते हैं।
6. वाल्व (Valve)
इस वाल्व को एल्टी-लॉक ब्रेकिंग सिस्टम का मॉड्यूल कंट्रोल करता है।
जब यह वाल्व खुला होता है तब यह बूस्टर सर्किट के ब्रेक में प्रयुक्त ऑयल को हाई प्रेशर के साथ मास्टर सिलेण्डर में भेजता है।
7. मॉड्यूलेटर यूनिट (Modulator Unit)-
यह यूनिट प्रत्येक पहिये पर लगे सिलेण्डर में तरल के प्रवाह को कंट्रोल करती है।
इसमें एक सोलेनॉयड शाल्व लगा होता है जो ऑयल के प्रवाह को कंट्रोल करने वाले अन्य वाल्वों को कंट्रोल करता है।
इस यूनिट में एक रिले होता है जो कंट्रोल मॉड्यूल से सक्रिय (Activate) होता है।
8. सोलेनॉयड वाल्व (Solenoid ValveV)
यह मॉड्यूलेटर यूनिट में स्थित होता है। इन वाल्वों को ऑपरेट करने वाले सिग्नलों को कंट्रोल मॉड्यूल ट्रांसमिट करता है।
ये वाल्व अलग-अलग व्हीलों में हाइड्रोलिक प्रेशर को कंट्रोल करने के लिए इलेक्ट्रॉनिक singles से ऑन तथा ऑफ होते हैं।
इन वाल्वो में wire की एक coil होती जिसमें इलेक्ट्रिक current या सिंगल मिलने पर मेग्नेटिक फ़ोर्स उत्पन्न होता है।
इस मैग्नेटिक फ़ोर्स के कारण ही वाल्व खुलता और बन्द होता है।
अलग-अलग व्हीलों के लिए ये वाल्व एक-दूसरे के साथ एक असेम्बली में जुड़े होते हैं
जो कि मास्टर सिलेण्डर के एक सिरे से जुड़ी होती है।
9.व्हील सर्किट वाल्व (Wheel Circuit Valve)
इसमें दो सर्किट होते हैं जो दो अलग-अलग सोलेनोयड वाल्व द्वारा कंट्रोल किए जाते हैं।
एक इनलेट वाल्व को तथा दूसरा आउटलेट वाल्व को कंट्रोल करता है। इनलेट तथा आउटलेट वाल्व के द्वारा सर्किट में प्रेशर को घटाया तथा बढ़ाया जाता है।
एन्टी-लॉक बेकिंग सिस्टम के लिए कंट्रोल मोड्यूल 12V की विद्युत धारा प्रदान करता है जो सोलेनोयड को ऑपरेट करती है।
10. कंट्रोल मॉड्यूल (Control Module)
यह एक छोटी इलैक्ट्रॉनिक यूनिट है जिसमें माइक्रोप्रोसेसर लगे होते हैं।
ये माइक्रोप्रोसेसर प्रोग्राम के अनुरुप निर्देशों को निष्पादित करते हैं।
यह हाइड्रोलिक कंट्रोल यूनिट या मास्टर सिलेण्डर पर माउन्ट होते हैं।
11. बेक पैडल सैन्सर (Brike Pedal Sensor)
यह एक स्विच है। जब बेक पैडल को एक सीमा से अधिक दबाया जाता है तो स्विच ओपन हो जाता है
तथा पम्प मोटर को चला देता है जिससे उच्च प्रेशर पर हाइड्रोलिक रिजर्वायर तरल से भर जाता है तथा बैक पैडल दब जाता है।
यह तब तक दबा रहता है जब तक कि स्विच पुनः बन्द न हो जाए।
12. व्हील स्पीड सेन्सर (Wheelspeed Sensor)
यह क्चोयल के रूप में होता है जिसके केन्द्र में स्थायी चुम्बक लगी होती है।
यह टूण्ज व्हील से उत्पन्न किए प्लसेटिंग AC सिग्नल को कंट्रोल मोड्यूल को भेजता है।
सिस्टम में एक इन्डीकेटर लाइट भी लगी होती है जो, एन्टी-लॉक ब्रेकिंग सिस्टम में कुछ त्रुटि आ जाती है तो यह चेतावनी लाइट के रूप में कार्य करती है।
इस सिस्टम में एक और चेतावनी लाइट होती है जो सामान्य ब्रेकिंग सिस्टम की त्रुटि को इंगित करती है।
13. इलैक्ट्रॉनिक कंट्रोल यूनिट (Electronic Control Unit)
व्हील स्पीड सेन्सर से प्लस (+) सिग्नल ECU में जाते हैं जो व्हील की स्पीड को आंकते (Access) हैं।
ECU, सोलेनॉयड को इलैक्ट्रॉनिक कंट्रोल सिग्नल प्रदान कर हाइड्रोलिक वाल्व के ऑपरेशन को कंट्रोल करता है।
सोलेनॉयड से हाइड्रोलिक ब्रेक सर्किट के वाल्व खुलते तथा बन्द होते हैं जिससे ब्रेक लाइन का प्रेशर नियन्त्रित किया जाता है।