Welding क्या है? What is welding in hindi

Introduction of Welding : 

दो या दो से अधिक metal pieces को आपस में जोडे जाने की प्रक्रिया को Welding कहा जाता है,

जिसमें दोनों metal pieces को अधिक तापमान पर गर्म तथा फिलर रोड का उपयोग किया जाता है।

कभी कभी धातु को जोड़ने के लिए अधिक तापमान के साथ साथ दबाव का भी उपयोग किया जाता है।

वेल्डिंग यह निर्माण की एक प्रक्रिया है जिसका उपयोग चीजों को वेल्ड करने के लिए किया जाता है।

इसमें दो या दो से अधिक धातु को गर्मी और दबाव के माध्यम से एक साथ जोड़ दिया जाता है।

इस प्रक्रिया में धातुओं के टुकड़ों को अधिक तापमान पर गर्म करके पिघला लिया जाता है और उसमें एक फिलर धातु को पिघलाकर मिलाया जाता है,

यह पिघली हुई मेटल और फिलर मेटल कोल्ड होकर एक मजबूत जोड़ बनाता है।

वेल्डिंग process का उपयोग आमतौर पर metal और thermoplastic पर किया जाता है।

वेल्डिंग का महत्व।

आज के समय में कोई भी इंडस्ट्री, कंपनी, फेब्रिकेशन या कोई भी मैन्युफैक्चरिंग उद्योग वेल्डिंग के बिना अधूरा है।

चाहे इमारत का काम हो, हवाई जहाज का काम या गाड़ियों का काम हो सभी में वेल्डिंग की जरूरत होती है,

क्योंकि वेल्डिंग प्रोसेस के द्वारा मजबूत और permanant joint प्राप्त किया जाता है।

वेल्डिंग प्रोसेस के द्वारा छोटे-छोटे metal pieces को जोड़ कर बड़े-बड़े structure, निर्माण कार्य संभव हो पाते हैं

और इसमे अलग अलग जगह जगह पर अलग अलग वेल्डिंग के प्रकार का उपयोग होता है।

History of Welding in hindi :

वेल्डिंग का काम प्राचीन काल से होता आ रहा है। वेल्डिंग प्राचीन काल में अपने ऐतिहासिक विकास का पता लगा सकती है।

वेल्डिंग के सबसे पुराने उदाहरण कांस्य युग से मिलते हैं। प्राचीन काल मे घर के बर्तनों से लेकर सामान रखने के सोने, चांदी था कॉपर के बने बॉक्स वेल्डिंग प्रोसेस द्वारा बनाए थे।

History of welding
History of welding

ऐसा अनुमान है कि इन बक्सों को 2,000 साल से पहले बनाया गया था। लौह युग के दौरान मिस्र और पूर्वी भूमध्य क्षेत्र के लोगों ने लोहे के टुकड़ों को आपस में जोड़ना सीखा।

प्राचीन काल में अधिकांश फोर्ज वेल्डिंग प्रोसेस का ही उपयोग किया जाता था।

कई ऐसे उपकरण पाए गए जो लगभग 1000 ई.पू. में बनाए गए थे।

मध्य युग के दौरान, blacksmithing (लोहारी) कला विकसित हुई और लोहे की कई वस्तुओं का उत्पादन किया गया जिन्हें लाल गर्म करके हथौड़े से चोट मारकर जोड़ा जाता था, जिसे वर्तमान में फोर्ज वेल्डिंग के नाम से जानते हैं।

19वीं-20वीं सदी में वेल्डिंग

वेल्डिंग का सर्वाधिक विकास औद्योगिक क्रांति (industrial revolution) के दौरान हुआ, और morden वेल्डिंग तकनीकों का विकास किया गया।

सन 1800 के आसपास रसायनज्ञ सर हम्फ्री डेवी ने एक बैटरी का उपयोग करके दो कार्बन इलेक्ट्रोड के बीच arc को उत्पन्न किया।

1802 में, रूसी वैज्ञानिक वासिली पेट्रोव ने स्थिर विद्युत आर्क (constant arc) बनाया, जिससे धातुकर्मियों को धातुओं को पिघलाने में सक्षम बनाया गया।

1836 में एडमंड डेवी ने एसिटिलीन की खोज की। 19वीं शताब्दी के मध्य में विद्युत जनरेटर, गैस वेल्डिंग और गैस कटिंग आविष्कार किया हुआ।

प्रथम विश्व युद्ध के दौरान दुनिया भर में हथियारों निर्माण तथा हथियार निर्माण करने वाले उधोगों लगाने की होड़ मची थी, परिवहन और हथियार उत्पादन वेल्डिंग के उपयोग में एक बड़ी वृद्धि का कारण बना।

आर्क वेल्डिंग इंग्लैंड और जर्मनी द्वारा जहाजों और हवाई जहाजों के निर्माण में उपयोगी थी।

1920 के आसपास स्वचालित वेल्डिंग (Automatic Welding) की शुरुआत हुई थी।

लगभग 1900 के दशक में वेल्डिंग joints को वायुमंडल में ऑक्सीजन और नाइट्रोजन के प्रभाव से बचाने के लिए नई वेल्डिंग गैसों का भी उपयोग किया गया था।

सदी के मध्य के दौरान और नई वेल्डिंग विधियां की खोज हुई जैसे  स्टड वेल्डिंग, अंडरवाटर वेल्डिंग।

1941-42 के आसपास TIG- Tungsten Inert Gas- उपयोग किया जाता था।

आधुनिक दिन वेल्डिंग

Modern Welding like MIG Welding

तकनीकी और व्यावहारिक विकास के हजारों वर्षों में, वेल्डिंग अधिक सटीक, तेज और प्रभावी बनने के लिए महत्वपूर्ण रूप से उन्नत हुई है।

वर्तमान में लगभग 80 से अधिक वेल्डिंग विधियां हैं, और इन विधियों को लगातार निर्माण कार्य, रेलवे, परिवहन, अंतरिक्ष, जहाज निर्माण और उद्योगों (industries) में नई-नई reserch के साथ विकसित किया जा रहा है।

Types of welding in Hindi – welding ke prakar

आपको हर जगह या चीजों पर अलग अलग वेल्डिंग दिखाई देती

है, यह वेल्डिंग विभिन्न वेल्डिंग के प्रकार से किया जाता है, जिसकी वेल्ड करने की प्रक्रिया भी अलग अलग होती है।

इससे हमें पता चलता है की,वेल्डिंग प्रक्रिया के आधार पर ही वेल्डिंग के विभिन्न प्रकार होते है।

वेल्डिंग प्रक्रिया के आधार पर वेल्डिंग के प्रकार हमने निचे दिए है

वेल्डिंग मुख्यता दो प्रकार की होती है।

1. Fusion Wedding

2. Plastic Welding

What is Fusion Welding : 

जैसा कि नाम से ही प्रतीत होता है fusion वेल्डिंग, fusion का मतलब होता है गलन यानी इसमें मेटल के टुकड़ों को उच्च तापमान की सहायता से गलाकर या पिघलाकर जोड़ा जाता है।

इसे non-pressure वेल्डिंग भी कहते हैं क्योंकि इसमें pressure लगाए बिना ही मेटल के टुकड़ों को जोड़ा जाता है।

Type of Fusion or Non-pressure welding process

(i) गैस दाब रहित वेल्डन (Gas welding)

(ii) इलैक्ट्रिक आर्क वेल्डन (Electric Arc welding)

(iii) इलैक्ट्रो स्लेग वेल्डिग (Electro slag welding)

(iv) इलैक्ट्रोन किरण-पुँज वेल्डन (Electron Beam welding)

(v) थर्मिट वेल्डिंग (thermit welding)

What is Plastic Welding 

Plastic Welding Like Resistance Welding

इस प्रकार की वेल्डिंग में मेटल के टुकड़ों को प्लास्टिक अवस्था इस तक गर्म करके तथा मेटल के टुकड़ों को बिना गलाये या पिघलाएं दाब लगाकर जोड़ा जाता है। इसलिए इसे pressure वेल्डिंग भी कहते हैं।

Type of plastic or Pressure welding process

(i) गैस दाब वेल्डन (Gas pressure welding)

(ii) विद्युत प्रतिरोध वेल्डन (Electric resistance welding)

(iii) फोर्ज वेल्डन (Forge welding)

(iv) घर्षण वेल्डन (Friction welding)

(v) पराश्रव्य वेल्डन (Ultrasonic welding)

 

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