D. ज्वाला कठोरीकरण (Flame hardening):
जैसा कि नाम से पता चल रहा है flame hardening, इसमें फ्लेम की सहायता से कंपोनट्स को गर्म करके उनका ऊष्मा उपचार किया जाता है।
इस क्रिया में हार्ड किये जाने वाले स्टील कंपोनट्स को आक्सीएसिटिलीन ज्वाला (oxy-acetilene flame) द्वारा लगभग क्रान्तिक तापमान तक गरम करके और पानी की फुहार के द्वारा quenching किया जाता है।
जिसके फलस्वरूप कंपोनट्स का वो भाग हार्ड हो जाता है जिसे फ्लेम की सहायता से गर्म किया गया जाता है।
जैसा चित्र में दिखाया गया है कि सॉफ्ट स्टील पार्ट को सबसे पहले एक बर्नर की सहायता से oxy acetilene flame से गर्म किया है।
इसके साथ ही हॉट steel कॉम्पोनेन्ट को एक पानी की spray की सहायता से ठंडा किया जाता है।
इस विधि का सबसे बड़ा लाभ यह है साइज में बड़े और havey कंपोनट्स (जिन्हें भट्टी में रखना कठिन होता है), का ऊष्मा उपचार किया जा सकता है।
इस प्रकार के कठोरण के लाभ निम्नलिखित है।
यह बड़े कार्यखण्ड के लिए लाभप्रद (advantageous) हैं।
1. स्टील की इस हार्डनिंग प्रोसेस में समय कम होता है।
2. स्टील की सतह को अधिक गहराई तक हार्ड किया जा सकता हैं
3. स्टील का विरूपण (distortion) कम होता है।
4. इस प्रोसेस में ईंधन की खपत कम होती हैं।
इसके निम्नलिखित हानियां (disadvantages) भी हैं।
1. छोटे जॉबों के लिए अनुपयुक्त है, क्योंकि पूरा जॉब कठोर हो जाने की आंशका होती हैं।
2. कठोरण से पूर्व कार्यखण्ड से प्रतिबल (stress) दूर (relieved) करना पड़ता है।
E. प्रेरण कठोरण (Induction Hardening)