What is Surface-hardening or case hardening in hindi

सतह-कठोरण या पृष्ठ-कठोरण
(Surface-hardening or case hardening):-

इस्पात की सतह को कठोर बनाने की क्रिया को सतह-कठोरण या Surface-hardening or case hardening कहते हैं।

इस क्रिया के अन्तर्गत इस्पात की सतह पर कुछ तत्वों जैसे कार्बन, नाइट्रोजन आदि का विसारण (diffusion) उच्च तापमान पर करके उसे इन पदार्थों को संतृप्त (saturate) किया जाता है।

जिसके पश्चात कठोरण क्रिया द्वारा सतह को कठोर किया जाता है। इस क्रिया से इस्पात की सतह कठोर हो जाती है परन्तु उसका भीतरी भाग मृदु (soft) ही रहता है।

जिसमें steel components की सतह (surface) पर कार्बन की मात्रा बढ़ती हैं।

परिभाषा (Definition)-

Surface-hardening or case hardening इस्पात की सतह को कठोर बनाने की क्रिया है जिसके अन्तर्गत इस्पात की सतह पर कुछ तत्वों कार्बन, नाइट्रोजन आदि का विसरण (diffusion) उच्च तापमान पर करके उसे संतृप्त (saturate) किया जाता है,

तत्पश्चात् कठोरण (hardening), तथा पायनीकरण (tempering) क्रियाओं द्वारा सतह को आवश्यक कठोरता प्रदान की जाती है।

इस क्रिया को रासायनिक ऊष्मा-उपचार भी कहते हैं।

इसका उपयोग निम्न-कार्बन इस्पात के Surface-hardening or case hardening के लिये किया जाता है क्योंकि सामान्य कठोरण क्रिया द्वारा इस इस्पात को कठोर बनाना सम्भव नहीं होता है।

Purpose of case hardening

स्टील के बने कंपोनेंट्स की अच्छी सेवा दशाओं (Service conditions) एवं लम्बे जीवन (longer life) के लिए, अवयवों (components) में कठोरता,  टूट-फूट रोधी,

बाहरी सतह में dents व scratch proof तथा toughness आन्तरिक भाग होनी चाहिए।

इन विभिन्न गुणों में से युक्त एक ही टुकड़े को सतह कठोरण से बनाया जा सकता हैं।

Process of case hardening

इस विधि द्वारा कठोर किए जाने वाले steel components जिसमे 0.15% कार्बन होता की case hardening की जाती है,

case hardening में जिन steel components का ऊष्मा उपचार किया जाता उनकी सतह (surface layer) में कार्बन की मात्रा 0.9% तक बढ़ जाती हैं।

Surface-hardening or case hardening के फलस्वरूप इस्पात की surface में wear-resistance , dents- resistance और scratch resistance गुण उत्पन्न हो जाते हैं।

निचे दिए गए चित्रों A, B और C में देखे तो।

Fig-A
Fig-B
Fig-C

Application:-

(i) इस्पात की सतह कठोर बनती है परन्तु भीतरी भाग नरम रहता है।

(ii) इस्पात की सतह क्षतिरोधक (wear resistant) बनती है।

(iii) आन्तरिक प्रतिबल कम होते हैं।

वर्गीकरण (classification)-

पृष्ठ-कठोरण (Surface-hardening or case hardening) प्रक्रमों का वर्गीकरण विसारित-अवयवों (diffused elements) के आधार पर निम्न प्रकार किया जा सकता है-

A. काडूरीकरण (Carburising)- कार्बन का विसरण (diffusion of carbon)।

B. नाइट्राडीकरण (Nitriding)- नाइट्रोजन का विसरण (diffusion of nitrogen)।

C. साइनाइडीकरण (Cyaniding)- कार्बन तथा नाइट्रोजन दोनों का विसरण।

D. फ्लेम कठोरण (Flame Hardening)

E. प्रेरण कठोरण (Induction Hardening)

1 thought on “What is Surface-hardening or case hardening in hindi”

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