Steel क्या है? (What is steel)

इस्पात (steel) में लोहा और कार्बन मुख्य तत्व होते हैं। steel कार्बन की अधिकतम मात्रा 1.8% तक होती है और यह combined रूप से इस्पात में मिला रहता है। आप अपने चारों ओर ये लौहे जैसी वस्तु से बने सामान को देखते है जैसे घरो में लगने वाले मेटल के दरवाज़े, window आदि वो वास्तव में iron या लोहा नहीं है उसे इंजिनीरिंग में स्टील कहते हैं ये स्टील mild होती है क्योंकि माइल्ड स्टील का उपयोग सबसे ज्यादा साधारण कार्यों में किया जाता है।

इस्पात को कार्बन की मात्रा और कुछ अन्य तत्व जैसे निकिल, क्रोमियम, कोबाल्ट इत्यादि के मिलाने के आधार पर इसे निम्न श्रेणियों में बाँटा जा सकता है-

  1. Carbon Steel कार्बन इस्पात
  2. Alloy Steel मिश्र इस्पात

What is carbon steel : carbon steel क्या है ?

जिस इस्पात के गुण व उपयोग कार्बन की प्रतिशत मात्रा पर निर्भर करते हैं, वह कार्बन इस्पात कहलाते हैं।

ये निम्न तीन प्रकार के होते हैं-

  1. लो कार्बन इस्पात या मृदु इस्पात (Low carbon steel or mild steel)

  2. मध्यम कार्बन इस्पात (Medium carbon steel)

  3. उच्च कार्बन इस्पात (high carbon steel)

What is Low carbon steel  : low carbon steel क्या है ?

1. लो कार्बन इस्पात या मृदु इस्पात (Low carbon steel or mild steel)

जिस इस्पात में कार्बन की मात्रा 0.15 से 0.3 प्रतिशत होती है, उसे low carbon steel या mild steel कहते हैं। यदि इस्पात में 0.15 प्रतिशत से कम कार्बन है तो यह इस्पात dead mild steel कहलाता है।

गुण (Properties)-

(1) इसकी संरचना रेशेदार (fibrous) होती है तथा इसका रंग गहरे नीलेपन पर होता

(ii) यह तन्य (ductile) तथा malleable होता है।

(ii) यह ढलवाँ-लोहे तथा पिटवाँ लोहे की तुलना में अधिक मजबूत तथा प्रत्यास्थ (elastic) गुणों वाला होता है।

(iv) इसमें जंग बहुत जलती लगती है।

(v) इसे स्थायी रूप से चुम्बकीय बनाया जा सकता है।

(vi) इसका संक्षारण (corrosion) भी जल्दी होता है।

(vii) इस पर फोर्जन, वेल्डन तथा रिबेटन क्रियायें की जा सकती हैं।

(viii) यह झटके तथा आघात भली प्रकार सहन कर सकता है।

(ix) इस पर नमक के पानी का अधिक प्रभाव नहीं पड़ता।

(x) यह समान रूप से तनाव, संपीडन तथा कर्तन में सामथ्यवान है।

(i) इसे कठोरिता तथा पायनीकृत करना सरल नहीं होता।

(xii) इसका विशिष्ट गुरुत्व 7.8 है।

Use of low carbon steel : low carbon steel के उपयोग क्या है ?

मृदु इस्पात का उपयोग व्यापक रूप से निर्माण कार्यों में होता है। यह

विभित्र आकार के रोलित-काटौं (rolled-sections) में उपलब्ध होता है जैसे आई-काट (1-section), टी-काट (T-section), चैनल-काट ऐंगल-आयरन, प्लेट तथा वर्ग-छड़ें आदि।

मृदु-इस्पात की छड़ें (MS. rounds),प्रबलित सीमेंट कंक्रीट (reinforced cement concrete) में प्रयोग की जाती है। ढाँचों (structures) में मृदु-इस्पात की नालीदार चादरें छतों के निर्माण में प्रयोग की जाती हैं।

मृदु-इस्पात का उपयोग व्यापक रूप से विभित्र औजारों, उपकरणों, मशीन-अंगों, रेल-ट्रैक, औद्योगिक भवनों आदि के बनाने में होता है।

मध्ययम तथा उच्च कार्बन इस्पात (Medium and High Carbon Steel)

मध्यम कार्बन इस्पात में कार्बन की मात्रा 0.3 से 0.8 प्रतिशत तक  होती है।

गुण

(i) इसकी संरचना दानेदार होती है।

(ii) यह मृदु इस्पात की अपेक्षा अधिक मजबूत तथा प्रत्यास्थ (elastic) होती है।

(iii) यह सरलता से कठोरीकृत तथा पायनीकृत किया जा सकता है।

(iv) इसे फोर्ज करना तथा वेल्ड करना अपेक्षाकृत कठिन होता है।

(v) इसे स्थायी रूप से चुम्बकीय बनाया जा सकता है।

(vi) यह तनाव, संपीडन तथा कर्तन में अपेक्षाकृत अधिक मजबूत होता है।

(vii) यह झटके तथा कम्पन भली प्रकार सहन कर सकता है।

उपयोग- इस इस्पात का उपयोग कर्तन-औजार बनाने में होता है, जैसे छैनी, बरमा, टैप,

डाई आदि। उच्च गुण-स्तर की कटलरी (cutlery) बनाने में उच्च कार्बन इस्पात का उपयोग होता

है। इस इस्पात का उपयोग मशीनों के ऐसे सभी पार्टस के उत्पादन में किया जाता है जिन्हें कठोर तथा मजबूत बनाना हो और जो झटकों तथा कम्पनों को सहन कर सकें।

 

Use of medium carbon steel : medium carbon steel के उपयोग क्या है ?

रेल की धुरी, पटरी, गियर, बन्दूक की नली, गोले, गोली के ढक्कन, रेल टरबाइन के पहिये, क्रेन पिन, कनेक्टिग रॉड आदि के बनाने में काम आता है।

उच्च कार्बन इस्पात (High carbon steel – HCS) या टूल इस्पात (Tool Steel)-

इसमें  कार्बन की मात्रा 0.7% से 1.5% तक तथा तनाव सामर्थ्य 8.5t/cm से 13t/cm तक होती है। उच्च कार्बन इस्पात जिसमें एक प्रतिशत से अधिक कार्बन हो औजारी-इस्पात (tool-steel) भी कहते हैं। 

Use of high carbon steel : HCS- High carbon steel के उपयोग क्या है ?

येगाड़ी के पहिये, गियर, हथौड़े, क्रशर के अंग, डाई ब्लॉक, औजार, टैप, ड्रिल, छैनी, रेजर, ब्लेड, डाईयाँ आदि बनाने के काम आता है।

मिश्रित इस्पात (Alloy steel)-

मिश्रित इस्पात के गुण व उपयोग उसमें मिश्रित अवयवो (alloying elements) की प्रतिशत मात्रा पर निर्भर करते हैं। इसमें सामान्यतः कार्बन, निकिल (nickel), क्रोमियम (chromium), कोबाल्ट (cobalt), मैंगनीज (manganese), सिलिकॉन (silicon), मॉलिब्डिनम (molybdinum), बेनेडियम (vanadium) आदि अलौह-धातुयें उचित अनुपात में मिलाई जाती है। मिश्रित अवयवों के अनुसार ही ये जाने जाते हैं, जैसे-निकिल-इस्पात, क्रोमियम इस्पात आदि।

Identification of steel (इस्पात की पहचान):-

इस्पात की पहचान कार्य सामान्यतया निम्न परीक्षणों से की जाती है-

(1). By Colour (रंग)- स्टील का रंग सामान्यतया नीपन लिये हुए काला होता। है। 

(2). By Sound (आवाज)- लगभग दो-तीन मीटर की ऊँचाई से गिराने पर खनखनाहट की आवाज आती

(3). By Hammer Hurt (हथोड़े की चोट)- हथौड़े का प्रहार करने पर टूटता नहीं, फैलता है।

(4). By Machining Process – ड्रिलिंग मशीन पर hole करने से या lathe पर turning करने से लम्बे छिलके (chips) उत्पन्न होते हैं।

(5). By filing (रेतने से)- रेतने से तल नीलापन लिए हुए सफेद रंग का बनता है।

(6). By Magnate (चुम्बक से)- चुम्बक से चिपकता है।

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