गारो और खासी जनजातियाँ क्या है? , मेघालय की जनजातियाँ क्या है?

*मेघालय में बसने वाली गारो और खासी जनजातियाँ बहुत ही रंगीन और समृद्ध संस्कृति के साथ रहने वाली जनजातियाँ हैं।

  • गारो जनजाति

गारो जनजाति मेघालय के गारो हिल्स क्षेत्र में रहने वाली एक प्रमुख जनजाति है। उनकी संस्कृति बहुत ही समृद्ध और विविध है।

रहन-सहन: गारो जनजाति के लोग पारंपरिक रूप से लकड़ी के घरों में रहते हैं, जो अक्सर ऊंचे पहाड़ी क्षेत्रों में स्थित होते हैं।
– खान-पान: गारो जनजाति के लोगों का मुख्य भोजन चावल, मछली, और सब्जियां होती हैं। वे अपने पारंपरिक व्यंजनों में अक्सर स्थानीय जड़ी-बूटियों और मसालों का उपयोग करते हैं।
– संस्कृति: गारो जनजाति की संस्कृति में संगीत, नृत्य, और कहानी कहने की महत्वपूर्ण भूमिका है। उनके पारंपरिक नृत्यों में से एक प्रसिद्ध नृत्य है “अलेचिनो” नृत्य।

  • खासी जनजाति

खासी जनजाति मेघालय के खासी हिल्स क्षेत्र में रहने वाली एक अन्य प्रमुख जनजाति है। उनकी संस्कृति भी बहुत ही समृद्ध और विविध है।

रहन-सहन: खासी जनजाति के लोग पारंपरिक रूप से लकड़ी के घरों में रहते हैं, जो अक्सर पहाड़ी क्षेत्रों में स्थित होते हैं।
– खान-पान: खासी जनजाति के लोगों का मुख्य भोजन चावल, मांस, और सब्जियां होती हैं। वे अपने पारंपरिक व्यंजनों में अक्सर स्थानीय जड़ी-बूटियों और मसालों का उपयोग करते हैं।
– संस्कृति: खासी जनजाति की संस्कृति में संगीत, नृत्य, और कहानी कहने की महत्वपूर्ण भूमिका है। उनके पारंपरिक नृत्यों में से एक प्रसिद्ध नृत्य है “शाद सुक मिंसियरम” नृत्य।

गारो और खासी जनजातियों की संस्कृति बहुत ही समृद्ध और विविध है, और वे अपनी पारंपरिक प्रथाओं और रीति-रिवाजों को बनाए रखने के लिए प्रयासरत हैं।गारो और खासी जनजातियों की दिनचर्या और दैनिक जीवनचर्या बहुत ही रोचक और पारंपरिक है।

 

  • गारो जनजाति

गारो जनजाति के लोगों की दिनचर्या इस प्रकार है:

– सुबह की शुरुआत: गारो जनजाति के लोग सुबह जल्दी उठते हैं और अपने दिन की शुरुआत करते हैं।
– कृषि कार्य: गारो जनजाति के लोग मुख्य रूप से कृषि पर निर्भर रहते हैं। वे अपने खेतों में चावल, मक्का, और अन्य फसलें उगाते हैं।
– वन उत्पाद: गारो जनजाति के लोग वन उत्पादों जैसे कि बांस, लकड़ी, और जड़ी-बूटियों का संग्रह भी करते हैं।
– शिकार और मछली पकड़ना: कुछ गारो जनजाति के लोग शिकार और मछली पकड़ने का भी काम करते हैं।

गारो जनजाति के लोगों का व्यवसाय मुख्य रूप से कृषि और वन उत्पादों पर आधारित होता है। वे अपने व्यवसाय के लिए प्रकृति और वन संसाधनों पर निर्भर रहते हैं।

 

 

  • खासी जनजाति

खासी जनजाति के लोगों की दिनचर्या इस प्रकार है:

सुबह की शुरुआत: खासी जनजाति के लोग सुबह जल्दी उठते हैं और अपने दिन की शुरुआत करते हैं।
– कृषि कार्य: खासी जनजाति के लोग मुख्य रूप से कृषि पर निर्भर रहते हैं। वे अपने खेतों में चावल, मक्का, और अन्य फसलें उगाते हैं।
– वन उत्पाद: खासी जनजाति के लोग वन उत्पादों जैसे कि बांस, लकड़ी, और जड़ी-बूटियों का संग्रह भी करते हैं।
– कारोबार: कुछ खासी जनजाति के लोग कारोबार भी करते हैं, जैसे कि स्थानीय बाजारों में वन उत्पादों और कृषि उत्पादों की बिक्री।

खासी जनजाति के लोगों का व्यवसाय मुख्य रूप से कृषि और वन उत्पादों पर आधारित होता है। वे अपने व्यवसाय के लिए प्रकृति और वन संसाधनों पर निर्भर रहते हैं।

गारो और खासी जनजातियों के लोगों का जीवन प्रकृति के साथ गहराई से जुड़ा हुआ है, और वे अपनी दैनिक जरूरतों को पूरा करने के लिए प्रकृति पर निर्भर रहते हैं।

 

  • खासी जनजाति में शादी विवाह का कार्यक्रम और रीति-रिवाज बहुत ही अनोखे और पारंपरिक होते हैं। यहाँ कुछ मुख्य बातें हैं:

– विवाह की प्रक्रिया: खासी जनजाति में विवाह की प्रक्रिया बहुत ही जटिल और पारंपरिक होती है। इसमें कई चरण होते हैं, जैसे कि दूल्हा और दुल्हन के परिवारों के बीच बातचीत, रिश्ते की पुष्टि, और विवाह समारोह।
– विवाह समारोह: खासी जनजाति के विवाह समारोह में कई पारंपरिक अनुष्ठान होते हैं, जैसे कि पूजा-पाठ, नृत्य, और संगीत। दूल्हा और दुल्हन को पारंपरिक वस्त्र पहनाए जाते हैं और उन्हें आशीर्वाद दिया जाता है।
– दहेज प्रथा: खासी जनजाति में दहेज प्रथा नहीं है, बल्कि इसके बजाय दूल्हे के परिवार द्वारा दुल्हन के परिवार को एक पारंपरिक उपहार दिया जाता है, जिसे “रिंगसु” कहा जाता है।
विवाह के बाद: विवाह के बाद, दुल्हन दूल्हे के घर नहीं जाती है, बल्कि वह अपने माता-पिता के घर में ही रहती है। दूल्हा दुल्हन के घर जाकर रहता है और उसकी देखभाल करता है।

खासी जनजाति के विवाह रीति-रिवाज बहुत ही अनोखे और पारंपरिक होते हैं, और वे अपनी संस्कृति और परंपराओं को बनाए रखने के लिए प्रयासरत हैं।

गारो जनजाति में भी विवाह के रीति-रिवाज कुछ इसी तरह के होते हैं, लेकिन उनमें कुछ अंतर भी हो सकते हैं। गारो जनजाति में भी विवाह एक महत्वपूर्ण अवसर होता है, जिसमें परिवार और समुदाय के लोग एकत्रित होते हैं और पारंपरिक अनुष्ठानों का पालन करते हैं।

खासी जनजाति भारत के पूर्वोत्तर भाग में स्थित मेघालय राज्य की एक प्रमुख जनजाति है। उनका प्राचीन से लेकर वर्तमान तक का दृश्य बहुत ही रोचक और विविध है।

  • प्राचीन काल

खासी जनजाति का इतिहास बहुत पुराना है, और उनके पूर्वजों ने इस क्षेत्र में कई सदियों तक निवास किया है। उनकी संस्कृति और परंपराओं में प्राचीन समय के कई अवशेष अभी भी देखे जा सकते हैं।

पारंपरिक जीवनशैली: खासी जनजाति के लोग पारंपरिक रूप से कृषि और वन उत्पादों पर निर्भर रहते थे। वे अपने खेतों में चावल, मक्का, और अन्य फसलें उगाते थे और वन उत्पादों का संग्रह करते थे।
संस्कृति और परंपराएं: खासी जनजाति की संस्कृति बहुत ही समृद्ध और विविध है। उनके पारंपरिक नृत्य, संगीत, और कहानी कहने की कला बहुत प्रसिद्ध है।

  • वर्तमान समय

वर्तमान समय में, खासी जनजाति के लोगों ने आधुनिक शिक्षा और प्रौद्योगिकी को अपनाया है, लेकिन वे अभी भी अपनी पारंपरिक संस्कृति और परंपराओं को बनाए रखने के लिए प्रयासरत हैं।

शिक्षा और रोजगार: खासी जनजाति के लोगों ने शिक्षा के क्षेत्र में बहुत प्रगति की है, और वे विभिन्न क्षेत्रों में रोजगार प्राप्त कर रहे हैं।
आधुनिकीकरण: खासी जनजाति के लोगों ने आधुनिक प्रौद्योगिकी और संचार के साधनों को अपनाया है, जिससे उनके जीवन में बहुत बदलाव आया है।
– संस्कृति का संरक्षण: खासी जनजाति के लोग अपनी पारंपरिक संस्कृति और परंपराओं को बनाए रखने के लिए प्रयासरत हैं। वे अपने पारंपरिक नृत्य, संगीत, और कहानी कहने की कला को संरक्षित करने के लिए काम कर रहे हैं।

खासी जनजाति का प्राचीन से लेकर वर्तमान तक का दृश्य बहुत ही रोचक और विविध है, और वे अपनी पारंपरिक संस्कृति और परंपराओं को बनाए रखने के लिए प्रयासरत हैं।

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