मैरी कॉम एक भारतीय मुक्केबाज हैं जो अपने खेल में उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए जानी जाती हैं। वह भारत की सबसे सफल मुक्केबाजों में से एक हैं और उनके नाम कई अंतरराष्ट्रीय पदक हैं।
- जीवन परिचय:
मैरी कॉम का जन्म 1 मार्च 1983 को मणिपुर के चुराचांदपुर जिले में हुआ था। उनका पूरा नाम मैंगते चुंगनेजंग मैरी कॉम है। वह एक गरीब परिवार से ताल्लुक रखती थीं और उनके माता-पिता किसान थे।
मैरी कॉम ने अपने खेल जीवन की शुरुआत स्कूल में की थी, जहां उन्होंने मुक्केबाजी की कक्षाओं में भाग लेना शुरू किया। उनकी प्रतिभा और लगन को देखते हुए, उन्हें आगे की ट्रेनिंग के लिए चुना गया।
- करियर:
मैरी कॉम ने अपने करियर में कई बड़े टूर्नामेंट जीते हैं, जिनमें विश्व चैंपियनशिप, एशियाई खेल और राष्ट्रमंडल खेल शामिल हैं। वह ओलंपिक में भी पदक जीतने वाली पहली भारतीय महिला मुक्केबाज हैं।
मैरी कॉम को उनके खेल में उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए कई पुरस्कार और सम्मान मिले हैं, जिनमें पद्म भूषण, पद्म श्री और अर्जुन पुरस्कार शामिल हैं।
- व्यक्तिगत जीवन:
मैरी कॉम ने 2010 में के. सी. खोंगसाई से शादी की और उनके तीन बेटे हैं। वह वर्तमान में अपने परिवार के साथ रहती हैं और अपने खेल जीवन को जारी रखती हैं।
मैरी कॉम की कहानी प्रेरणादायक है और उन्होंने अपने खेल में उत्कृष्ट प्रदर्शन करके भारत का नाम रोशन किया है।
मैरी कॉम का बचपन और उनकी पढ़ाई-लिखाई के बारे में कुछ जानकारी इस प्रकार है:
- बचपन और परिवार:
मैरी कॉम का जन्म 1 मार्च 1983 को मणिपुर के चुराचांदपुर जिले में हुआ था। उनके माता-पिता किसान थे और उनका परिवार गरीबी में जीवन यापन करता था। मैरी कॉम के माता-पिता ने उन्हें और उनके भाई-बहनों को अच्छी शिक्षा देने के लिए कड़ी मेहनत की।
- पढ़ाई-लिखाई:
मैरी कॉम ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा स्थानीय स्कूल में पूरी की। वह पढ़ाई में अच्छी थीं, लेकिन उनका ध्यान खेलों में अधिक था। मैरी कॉम ने अपनी स्कूली शिक्षा के दौरान ही मुक्केबाजी में रुचि लेनी शुरू कर दी थी।
- मुक्केबाजी में रुचि:
मैरी कॉम की रुचि मुक्केबाजी में तब बढ़ी जब उन्होंने डिंगको सिंह की कहानी पढ़ी, जो एक प्रसिद्ध भारतीय मुक्केबाज थे। मैरी कॉम ने उनकी कहानी से प्रेरित होकर मुक्केबाजी में अपना करियर बनाने का फैसला किया।
- प्रशिक्षण और शुरुआती करियर:
मैरी कॉम ने अपने गाँव के एक कोच के तहत मुक्केबाजी का प्रशिक्षण लेना शुरू किया। उन्होंने कड़ी मेहनत की और जल्द ही अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन करना शुरू कर दिया। मैरी कॉम ने अपने पहले राष्ट्रीय टूर्नामेंट में पदक जीता और फिर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान बनानी शुरू की।
मैरी कॉम की कहानी प्रेरणादायक है और उन्होंने अपने खेल में उत्कृष्ट प्रदर्शन करके भारत का नाम रोशन किया है।
मैरी कॉम का पहले का जीवन और वर्तमान का जीवन में काफी अंतर है:
- पहले का जीवन:
मैरी कॉम का बचपन गरीबी में बीता था। उनके माता-पिता किसान थे और उन्हें अपने परिवार का पालन-पोषण करने के लिए कड़ी मेहनत करनी पड़ती थी। मैरी कॉम ने अपने गाँव में प्रारंभिक शिक्षा प्राप्त की और बाद में उन्होंने मुक्केबाजी में अपना करियर बनाने का फैसला किया।
- वर्तमान जीवन:
वर्तमान में, मैरी कॉम एक प्रसिद्ध मुक्केबाज हैं और उन्होंने अपने खेल में उत्कृष्ट प्रदर्शन करके भारत का नाम रोशन किया है। वह एक सफल और प्रसिद्ध खिलाड़ी हैं और उन्हें कई पुरस्कार और सम्मान मिले हैं।
मैरी कॉम के जीवन में उनके परिवार और पति का महत्वपूर्ण योगदान है:
- परिवार:
मैरी कॉम के माता-पिता ने उन्हें हमेशा समर्थन और प्रोत्साहन दिया है। उनके पिता ने उन्हें मुक्केबाजी में अपना करियर बनाने के लिए प्रोत्साहित किया था।
- पति:
मैरी कॉम ने 2010 में के. सी. खोंगसाई से शादी की थी। उनके पति ने उन्हें हमेशा समर्थन और सहयोग दिया है और वे उनके साथ खड़े रहते हैं।
- बच्चे:
मैरी कॉम के तीन बेटे हैं और वे अपने परिवार के साथ खुशी से जीवन व्यतीत करती हैं।
मैरी कॉम की कहानी प्रेरणादायक है और उन्होंने अपने खेल में उत्कृष्ट प्रदर्शन करके भारत का नाम रोशन किया है।
मैरी कॉम की उम्र लगभग 42 वर्ष है, जिनका जन्म 1 मार्च 1983 को हुआ था। वह एक प्रसिद्ध भारतीय मुक्केबाज हैं जिन्होंने अपने खेल में उत्कृष्ट प्रदर्शन करके भारत का नाम रोशन किया है।
- मैरी कॉम के करियर की स्थिति:
उन्होंने कई अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में भाग लिया है और पदक जीते हैं। मैरी कॉम ने 2012 के लंदन ओलंपिक में कांस्य पदक जीता था और छह बार विश्व विजेता का पुरस्कार प्राप्त किया है। वह 2016 से राज्यसभा की सदस्य भी हैं
- पुरस्कार और सम्मान:
मैरी कॉम को उनके खेल में उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए कई पुरस्कार और सम्मान मिले हैं, जिनमें पद्म श्री, पद्म भूषण और पद्म विभूषण शामिल हैं। ये पुरस्कार उन्हें भारत सरकार द्वारा दिए गए हैं मैरी कॉम ने अपने करियर में कई पुरस्कार और सम्मान जीते हैं:
- पुरस्कार और सम्मान:
1. पद्म विभूषण (2020) – भारत का दूसरा सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार
2. पद्म भूषण (2013) – भारत का तीसरा सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार
3. पद्म श्री (2006) – भारत का चौथा सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार
4. अर्जुन पुरस्कार (2003) – खेलों में उत्कृष्टता के लिए दिया जाने वाला पुरस्कार
5. राजीव गांधी खेल रत्न पुरस्कार (2009) – खेलों में उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए दिया जाने वाला पुरस्कार
- निवास:
मैरी कॉम मणिपुर की रहने वाली हैं। उनका जन्म मणिपुर के चुराचांदपुर जिले में हुआ था।
- अंतरराष्ट्रीय पुरस्कार:
मैरी कॉम ने कई अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में पदक जीते हैं, जिनमें विश्व चैंपियनशिप और ओलंपिक शामिल हैं। वह छह बार विश्व चैंपियन रह चुकी हैं और 2012 के लंदन ओलंपिक में कांस्य पदक जीता था।
मैरी कॉम ने अपनी करियर की शुरुआत मणिपुर के एक छोटे से गाँव से की थी। उन्होंने अपने खेल जीवन की शुरुआत स्कूल में की थी, जहाँ उन्होंने मुक्केबाजी की कक्षाओं में भाग लेना शुरू किया।
- स्ट्रगल:
मैरी कॉम ने अपने करियर में कई चुनौतियों का सामना किया, जिनमें शामिल हैं:
1. गरीबी: मैरी कॉम का परिवार गरीब था, और उनके माता-पिता को अपने परिवार का पालन-पोषण करने के लिए कड़ी मेहनत करनी पड़ती थी।
2. लिंग भेदभाव: मैरी कॉम को अपने गाँव में लिंग भेदभाव का सामना करना पड़ा, जहाँ लड़कियों को खेलों में भाग लेने के लिए प्रोत्साहित नहीं किया जाता था।
3. प्रशिक्षण की कमी: मैरी कॉम को अपने गाँव में उचित प्रशिक्षण सुविधाओं की कमी का सामना करना पड़ा, और उन्हें अपने खेल को विकसित करने के लिए कड़ी मेहनत करनी पड़ी।
- सफलता:
मैरी कॉम ने अपने स्ट्रगल को पार करते हुए सफलता हासिल की। उन्होंने अपने खेल में उत्कृष्ट प्रदर्शन करके भारत का नाम रोशन किया और कई अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में पदक जीते। उनकी कहानी प्रेरणादायक है और उन्होंने साबित किया कि कड़ी मेहनत और समर्पण से कुछ भी हासिल किया जा सकता है।
मैरी कॉम को पूरे भारत वर्ष में कई नामों से जाना जाता है:
1. मैग्नीफिसेंट मैरी: उन्हें उनके प्रशंसकों द्वारा इस नाम से पुकारा जाता है, जो उनकी अद्भुत प्रतिभा और उपलब्धियों को दर्शाता है।
2. मणिपुर की मुक्केबाजी क्वीन: मैरी कॉम को उनके गृह राज्य मणिपुर में इस नाम से जाना जाता है, जहाँ उन्होंने अपनी मुक्केबाजी की यात्रा शुरू की थी।
3. भारत की मुक्केबाजी स्टार: मैरी कॉम को पूरे भारत में एक मुक्केबाजी स्टार के रूप में जाना जाता है, जिन्होंने अपने खेल में उत्कृष्ट प्रदर्शन करके देश का नाम रोशन किया है।
इन नामों से पता चलता है कि मैरी कॉम को उनके खेल और उपलब्धियों के लिए कितना सम्मान और प्रशंसा मिली है।
मैरी कॉम की कहानी से हमें कई महत्वपूर्ण सबक मिलते हैं:
1. कड़ी मेहनत और समर्पण: मैरी कॉम की सफलता का राज उनकी कड़ी मेहनत और समर्पण है। उन्होंने अपने खेल में उत्कृष्टता प्राप्त करने के लिए दिन-रात मेहनत की।
2. आत्मविश्वास और दृढ़ संकल्प: मैरी कॉम ने कभी हार नहीं मानी और हमेशा आत्मविश्वास के साथ अपने लक्ष्यों की ओर बढ़ती रहीं।
3. चुनौतियों का सामना: मैरी कॉम ने अपने करियर में कई चुनौतियों का सामना किया, लेकिन उन्होंने कभी हार नहीं मानी और अपने लक्ष्यों की ओर बढ़ती रहीं।
4. लिंग भेदभाव के खिलाफ संघर्ष: मैरी कॉम की कहानी लिंग भेदभाव के खिलाफ संघर्ष की भी है। उन्होंने साबित किया कि लड़कियाँ भी किसी भी क्षेत्र में उत्कृष्टता प्राप्त कर सकती हैं।
5. प्रेरणा और आदर्श: मैरी कॉम की कहानी युवाओं के लिए एक प्रेरणा और आदर्श है। उन्होंने साबित किया कि कड़ी मेहनत और समर्पण से कुछ भी हासिल किया जा सकता है।
इन सबकों को अपनाकर, हम अपने जीवन में सफलता प्राप्त कर सकते हैं और अपने लक्ष्यों की ओर बढ़ सकते हैं।
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