झेलम नदी की विशेषताएं, लंबाई झेलम नदी के किनारे बसे हुए महत्वपूर्ण शहर ,कुछ प्रमुख सहायक नदियाँ

 झेलम नदी की उत्पत्ति जम्मू और कश्मीर के अनंतनाग जिले में स्थित वेरीनाग से होती है। यह नदी भारत और पाकिस्तान दोनों देशों से होकर बहती हुई अपनी यात्रा तय करती है।

झेलम नदी के मुख्य बिंदु:

– उद्गम: वेरीनाग, अनंतनाग जिला, जम्मू और कश्मीर
– अंत: चनाब नदी में मिलन, त्रिम्मू, झंग जिला, पंजाब, पाकिस्तान
– लंबाई: लगभग 725 किलोमीटर

  • नदी की विशेषताएं:

– झेलम नदी कश्मीर घाटी की सुंदरता को और भी बढ़ाती है।
– यह नदी श्रीनगर शहर से होकर गुजरती है, जहां इसके किनारे हाउसबोट और दुकानें हैं।
– झेलम की सहायक नदियों में किशनगंगा, लिद्दर और पुंछ नदी प्रमुख हैं।

झेलम नदी का महत्व न केवल प्राकृतिक सौंदर्य के लिए है, बल्कि यह नदी क्षेत्र की जलवायु और कृषि के लिए भी महत्वपूर्ण है।झेलम नदी की उत्पत्ति वेरीनाग नामक स्थान से होती है, जो जम्मू और कश्मीर के अनंतनाग जिले में स्थित है। यह नदी कश्मीर घाटी की प्रमुख नदियों में से एक है और अपनी प्राकृतिक सुंदरता और सांस्कृतिक महत्व के लिए जानी जाती है।

वेरीनाग झेलम नदी का उद्गम स्थल है, जहाँ से यह नदी अपनी यात्रा शुरू करती है और विभिन्न क्षेत्रों से होकर बहती हुई अंततः पाकिस्तान में चनाब नदी में मिल जाती है।
झेलम नदी की लंबाई लगभग 725 किलोमीटर है। यह नदी जम्मू और कश्मीर के अनंतनाग जिले में स्थित वेरीनाग से निकलकर भारत और पाकिस्तान के विभिन्न क्षेत्रों से होकर बहती है और अंततः पाकिस्तान में चनाब नदी में मिल जाती है।

 लंबाई: लगभग 725 किलोमीटर
 उद्गम: वेरीनाग, अनंतनाग जिला, जम्मू और कश्मीर
 अंत: चनाब नदी में संगम, त्रिम्मू, झंग जिला, पंजाब, पाकिस्तान

झेलम नदी की लंबाई और मार्ग इसे एक महत्वपूर्ण नदी बनाते हैं, जो क्षेत्र की जलवायु, कृषि और संस्कृति के लिए भी महत्वपूर्ण है।झेलम नदी का उद्गम स्थल वेरीनाग है, जो जम्मू और कश्मीर के अनंतनाग जिले में स्थित है। यह एक प्रमुख झरना है, जहाँ से झेलम नदी अपनी यात्रा शुरू करती है।

वेरीनाग एक प्रसिद्ध पर्यटन स्थल भी है, जो अपनी प्राकृतिक सुंदरता और ऐतिहासिक महत्व के लिए जाना जाता है। यहाँ का झरना और आसपास का क्षेत्र पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र है।झेलम नदी का पानी कई क्षेत्रों से होकर गुजरता हुआ अंततः चनाब नदी में मिल जाता है। चनाब नदी आगे चलकर सिन्धु नदी में मिल जाती है, जो अरब सागर में गिरती है।

  • झेलम नदी के पानी का मार्ग:

1. वेरीनाग (जम्मू और कश्मीर): झेलम नदी का उद्गम स्थल।
2. कश्मीर घाटी: नदी कश्मीर घाटी से होकर गुजरती है।
3. पाकिस्तान: नदी पाकिस्तान में प्रवेश करती है।
4. चनाब नदी: झेलम नदी चनाब नदी में मिल जाती है।
5. सिन्धु नदी: चनाब नदी आगे चलकर सिन्धु नदी में मिल जाती है।
6. अरब सागर: सिन्धु नदी अरब सागर में गिरती है।

झेलम नदी के किनारे कई महत्वपूर्ण शहर बसे हुए हैं। इनमें से कुछ प्रमुख शहर हैं:

1. श्रीनगर (जम्मू और कश्मीर): झेलम नदी श्रीनगर शहर से होकर गुजरती है, जो अपने सुंदर झीलों और हाउसबोट के लिए प्रसिद्ध है।
2. बारामूला (जम्मू और कश्मीर): यह शहर भी झेलम नदी के किनारे स्थित है।
3. मुजफ्फराबाद (पाकिस्तान प्रशासित कश्मीर): झेलम नदी मुजफ्फराबाद से होकर गुजरती है, जो पाकिस्तान प्रशासित कश्मीर की राजधानी है।
4. झेलम (पाकिस्तान): पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में स्थित झेलम शहर भी इस नदी के किनारे बसा हुआ है।

झेलम नदी पर कई महत्वपूर्ण बांध और परियोजनाएं हैं, जिनमें से कुछ प्रमुख हैं:

1. मंगल बांध: यह बांध पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में झेलम नदी पर स्थित है और जलविद्युत ऊर्जा उत्पादन के लिए उपयोग किया जाता है।
2. रसूल बांध: यह बांध भी पाकिस्तान में झेलम नदी पर स्थित है और सिंचाई और जलविद्युत ऊर्जा उत्पादन के लिए उपयोग किया जाता है।
3. त्रिम्मू हेडवर्क्स: यह एक महत्वपूर्ण जल प्रबंधन परियोजना है, जो झेलम नदी के पानी को सिंचाई के लिए वितरित करती है।

इन बांधों और परियोजनाओं का उद्देश्य जल संसाधनों का बेहतर प्रबंधन, सिंचाई के लिए पानी की आपूर्ति और जलविद्युत ऊर्जा का उत्पादन करना है।
झेलम नदी वुलर झील से नहीं, बल्कि वेरीनाग नामक स्थान से निकलती है, जो जम्मू और कश्मीर के अनंतनाग जिले में स्थित है। यह नदी अपनी यात्रा वेरीनाग से शुरू करती है और विभिन्न क्षेत्रों से होकर बहती हुई अंततः पाकिस्तान में चनाब नदी में मिल जाती है।

वुलर झील कश्मीर घाटी में स्थित एक प्रमुख झील है, जो झेलम नदी के मार्ग में पड़ती है और नदी के प्रवाह को नियंत्रित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।
झेलम नदी जम्मू और कश्मीर राज्य से होकर बहती हुई पाकिस्तान में प्रवेश करती है।

  • झेलम नदी का मार्ग:

1. जम्मू और कश्मीर (भारत): नदी का उद्गम वेरीनाग से होता है और यह कश्मीर घाटी से होकर बहती है।
2. पाकिस्तान: नदी जम्मू और कश्मीर से पाकिस्तान में प्रवेश करती है और वहां के विभिन्न क्षेत्रों से होकर बहती हुई चनाब नदी में मिल जाती है।

झेलम नदी की कुछ प्रमुख सहायक नदियाँ हैं:

1. किशनगंगा नदी: यह झेलम नदी की एक महत्वपूर्ण सहायक नदी है, जो कश्मीर घाटी में स्थित है।
2. लिद्दर नदी: यह नदी भी कश्मीर घाटी में स्थित है और झेलम नदी में मिलती है।
3. पुंछ नदी: यह झेलम नदी की एक अन्य महत्वपूर्ण सहायक नदी है, जो जम्मू और कश्मीर में स्थित है।

  • झेलम नदी के प्राचीन नामों में से कुछ हैं:

1. वितस्ता: यह झेलम नदी का प्राचीन नाम है, जिसका उल्लेख वेदों और पुराणों में मिलता है।
2. हाइडस्पेस: यह नाम यूनानी इतिहासकारों द्वारा झेलम नदी के लिए उपयोग किया गया था।

झेलम नदी में कई प्रकार के जलीय जीव पाए जाते हैं। इनमें से कुछ प्रमुख जीव हैं:

1. मछली: झेलम नदी में विभिन्न प्रजातियों की मछलियाँ पाई जाती हैं, जो स्थानीय लोगों के लिए भोजन का एक महत्वपूर्ण स्रोत हैं।
2. डॉल्फिन: झेलम नदी में सिंधु नदी डॉल्फिन पाई जाती है, जो एक दुर्लभ और संरक्षित प्रजाति है।
3. कछुए: झेलम नदी में विभिन्न प्रकार के कछुए भी पाए जाते हैं।

झेलम नदी की कुछ प्रमुख विशेषताएं हैं:

1. प्राकृतिक सौंदर्य: झेलम नदी कश्मीर घाटी से होकर बहती है, जो अपने प्राकृतिक सौंदर्य के लिए प्रसिद्ध है।
2. जल संसाधन: झेलम नदी जल संसाधनों का एक महत्वपूर्ण स्रोत है, जो सिंचाई और जलविद्युत ऊर्जा उत्पादन के लिए उपयोग किया जाता है।
3. पारिस्थितिकी महत्व: झेलम नदी का पारिस्थितिकी तंत्र विविध जलीय जीवों और वनस्पतियों का समर्थन करता है।
4. सांस्कृतिक महत्व: झेलम नदी का सांस्कृतिक और धार्मिक महत्व है, और यह नदी विभिन्न त्योहारों और अनुष्ठानों में शामिल होती है।
5. आर्थिक महत्व: झेलम नदी का आर्थिक महत्व भी है, जो मछली पालन, जलविद्युत ऊर्जा उत्पादन और सिंचाई के लिए उपयोग की जाती है।

इन विशेषताओं के कारण झेलम नदी एक महत्वपूर्ण नदी है, जो क्षेत्र की जलवायु, पारिस्थितिकी और अर्थव्यवस्था के लिए महत्वपूर्ण है।

आइये जाने,

 

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